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25 साल की अनीता ने चार लोगों को दी नई जिंदगी, ब्रेन डेड होने के बाद भी किया अंगदान

रविवार को जोधपुर के एम्स अस्पताल से 25 वर्षीय अनीता के हार्ट और किडनी को जयपुर ले जाया गया, जहां एसएमएस अस्पताल और एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इन अंगों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया।

अंग प्रत्यारोपण:

रविवार को जोधपुर के एम्स अस्पताल से 25 वर्षीय अनीता के हार्ट को एसएमएस अस्पताल और एक किडनी को एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया। ट्रांसप्लांट किए गए दोनों मरीजों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. राजकुमार यादव ने बताया कि शनिवार शाम को जोधपुर एम्स में एक मृतका के परिजनों ने अंगदान की सहमति दी। बाड़मेर निवासी पूजा सैन (34) को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत थी क्योंकि उसका हार्ट महज 20 फीसदी ही काम कर रहा था। उनके परिजनों से संपर्क किया गया और वे बाड़मेर से रवाना होकर एसएमएस पहुंचे। जयपुर से रात 12 बजे रवाना होकर सुबह 7 बजे जोधपुर पहुंची टीम ने हार्ट को लेकर सुबह 11 बजे की फ्लाइट से महज 50 मिनट में जयपुर पहुंचाया। दोपहर 12:30 बजे ओटी में ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई, जो शाम 5:30 बजे तक चली। पांच घंटे में हार्ट ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक हुआ।

डॉ. यादव ने बताया कि मरीज अभी बेहोशी की हालत में है और करीब 24 घंटे बाद ही होश आ पाएगा। हालांकि, ट्रांसप्लांट पूरी तरह सफल रहा है। एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलोजी विभाग के एचओडी डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि उनकी टीम जोधपुर से रविवार शाम चार बजे किडनी लेकर पहुंची। इसे मालवीयनगर निवासी अनीता मीणा (जयपुर) को ट्रांसप्लांट किया गया। इस प्रक्रिया में करीब ढाई घंटे का समय लगा। ट्रांसप्लांट करने वाली टीम में डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. प्रशांत, डॉ. आरडी साहू, डॉ. वर्षा कोठारी और अन्य सदस्य शामिल थे।

अनीता ने चार लोगों को दी नई जिंदगी:

चिकित्सकों के अनुसार, बाड़मेर के सिणधरी में 16 जुलाई को अनीता और उनका पांच वर्षीय बेटा सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन अनीता की तबीयत में सुधार नहीं आया और उनकी मृत्यु हो गई। एम्स अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों से अंगदान के लिए बात की और समझाइश करने पर वे मान गए। इसके बाद अनीता के हार्ट, किडनी और लिवर दान किए गए। इस प्रकार, अनीता ने दुनिया से जाते-जाते चार लोगों को नई जिंदगी दे दी।

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