पेरिस 2024 ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 1972 के बाद पहली बार लगातार दो ओलिंपिक में पदक जीतने का ऐतिहासिक कारनामा किया है। यह भारत का इस ओलिंपिक में चौथा कांस्य पदक है और हॉकी में यह भारत का 13वां ओलिंपिक पदक है।
मैच के दौरान दोनों टीमें शुरुआत में एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देती रहीं। पहले और दूसरे क्वार्टर में स्कोर 0-0 और 1-1 से बराबरी पर था। लेकिन तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2-1 की बढ़त बनाई और अंत तक इसे बनाए रखा। भारतीय टीम के लिए हरमनप्रीत सिंह ने दोनों गोल किए, जिससे भारत ने जीत हासिल की।
इस ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर टीम को बधाई दी। उन्होंने लिखा, “यह एक ऐसा कारनामा है जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी! भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है! यह जीत और भी खास है क्योंकि यह उनका लगातार दूसरा ओलिंपिक पदक है। उनके कौशल, परिश्रम और टीम भावना की यह जीत एक बड़ी उपलब्धि है। सभी खिलाड़ियों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई। हर भारतीय का हॉकी के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव है और यह सफलता हमारे युवाओं के बीच इस खेल को और भी लोकप्रिय बनाएगी।”
टोक्यो 2020 ओलिंपिक में भी भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता था, जहां उन्होंने जर्मनी को 5-4 से हराया था। इसके बाद सेमीफाइनल में बेल्जियम से हार का सामना करना पड़ा था।
इस शानदार जीत के बाद भारतीय टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने करियर को एक गौरवपूर्ण नोट पर समाप्त करने का निर्णय लिया है। श्रीजेश ने भारतीय हॉकी को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी मेहनत और समर्पण ने भारतीय हॉकी की स्थिति को मजबूत किया है, और वह एक ऐसी विरासत छोड़कर जा रहे हैं जो हमेशा याद रखी जाएगी।
श्रीजेश की विदाई भारतीय हॉकी के लिए एक गर्व का पल है, और उनकी यह यात्रा भारतीय खेलों के इतिहास में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी।