जोधपुर, राजस्थान – जोधपुर शहर में शुक्रवार को एक और गैंगरेप की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। कमिश्नरेट के जिला पूर्व के एक थाने में 17 वर्षीय किशोरी को दो दरिंदों ने बहला-फुसलाकर सुनसान जगह ले जाकर रेप किया। यह मामला अगस्त महीने में जोधपुर में दर्ज किया गया पांचवां रेप केस है, जिससे शहर में बेटियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना का विवरण
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 17 वर्षीय किशोरी शुक्रवार को एक फॉर्म भरकर घर वापस लौट रही थी। इसी दौरान रास्ते में उसे दो युवक मिले, जिन्होंने उसे बहला-फुसलाकर अपनी बाइक पर बिठाया और सुनसान जगह पर ले गए। वहां पहले से तीन अन्य युवक मौजूद थे। एक युवक ने किशोरी के साथ रेप किया, जबकि बाकी ने उसके साथ मारपीट की। घटना के बाद, किशोरी किसी तरह घर पहुंची और अपने परिजनों को आपबीती सुनाई।
पुलिस की कार्रवाई
पीड़िता के परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर दो आरोपियों को हिरासत में लिया। डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज करवाकर उसका मेडिकल परीक्षण करवाया है। अब पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने बयान करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कानून व्यवस्था पर पूर्व सीएम गहलोत का बयान
जोधपुर में 15 दिन में नाबालिग से बलात्कार की 5वीं घटना सामने आई है। पिछली एक घटना में बालिका के साथ हुई दरिंदगी के बाद के कुछ दृश्य सोशल मीडिया पर आए जो बेहद ही दुखी एवं विचलित करने वाले हैं। छोटी छोटी बच्चियों के साथ जिस तरह यौन हिंसा की जा रही है वह समाज एवं सरकार के माथे पर…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 31, 2024
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रदेश में रोज औसतन 19 बालिकाओं एवं महिलाओं का बलात्कार हो रहा है। पुलिस को महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना चाहिए।” उन्होंने इसे समाज और सरकार के माथे पर कलंक बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
जोधपुर में बढ़ते अपराध
अगस्त महीने में जोधपुर में रेप के चार मामले पहले ही सामने आ चुके हैं। इनमें से एक मामला सरकारी अस्पताल में नाबालिग से गैंगरेप का था। इन घटनाओं से साफ है कि जोधपुर में बेटियों की सुरक्षा की स्थिति गंभीर है और तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी
इन लगातार बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, राज्य सरकार और पुलिस को महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। यह न सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी है बल्कि समाज को भी इस दिशा में जागरूक और सतर्क रहना होगा।
निष्कर्ष
जोधपुर में हाल की घटनाएं एक गंभीर समस्या की ओर संकेत कर रही हैं। सरकार और पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं पर सख्त नजर रखें और पीड़ितों को न्याय दिलाने में तत्परता दिखाएं। इसके साथ ही, समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी। जब तक समाज, सरकार, और पुलिस मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक बेटियों की सुरक्षा को लेकर स्थिति नहीं सुधर पाएगी।