जोधपुर में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जहां बिना आवेदन के तत्कालीन उपायुक्त और महापौर के फर्जी हस्ताक्षरों से पट्टा बनाने का मामला सामने आया है। जोधपुर नगर निगम (दक्षिण) से पट्टा चोरी कर हूबहू प्रिंट निकलवाने और फर्जी पट्टा बनाने के आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की जांच जारी है।
फर्जी पट्टे का पर्दाफाश
पुलिस के मुताबिक, नगर निगम उपायुक्त के निजी सहायक ने 8 जून को जोधपुर के रातानाडा में अफसर मैस के सामने शेर विलास कॉलोनी निवासी सुल्तान सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी से फर्जी पट्टा बनाने का मामला दर्ज कराया था। जांच के बाद, पुलिस ने सुल्तान सिंह पुत्र स्वरूप सिंह राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया। सुल्तान सिंह ने महेश छात्रावास के पीछे जगदम्बा कॉलोनी में एक भूखंड का फर्जी पट्टा बनवाया था, जिसे जांच में प्रमाणित पाया गया।
गड़बड़ी का पता कैसे चला?
फर्जी पट्टा बनाने की घटना सामने आते ही निगम ने तुरंत उस पट्टे को निरस्त कर दिया। सुल्तान सिंह ने निगम से पट्टा चोरी कर हूबहू प्रिंट निकलवाया और उस पर असली डिस्पैच नंबर अंकित कर दिए। इसके साथ ही तत्कालीन उपायुक्त और महापौर के फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिए गए थे, जिससे यह पट्टा सामान्य शाखा से जारी कर दिया गया था। राजस्थान पत्रिका ने अपने समाचार में इस गड़बड़ी का खुलासा किया, जिससे पूरे मामले की जानकारी सामने आई।
अन्य संदिग्धों की जांच जारी
पुलिस ने सुल्तान सिंह से पूछताछ कर अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। अन्य आरोपियों की खोजबीन जारी है और पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।
आगे की योजना
इस मामले से जुड़े सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। जोधपुर नगर निगम (दक्षिण) ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। निगम ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रक्रियाओं को और सख्त बनाया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार की धोखाधड़ी न कर सके।
जनता की जागरूकता जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर जनता को जागरूक होने की जरूरत पर बल दिया है। किसी भी प्रकार के दस्तावेज या प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पहले उनकी वैधता और प्रामाणिकता की जांच करना बेहद जरूरी है। यदि किसी को भी ऐसी किसी गड़बड़ी का संदेह होता है, तो उसे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
जोधपुर में इस फर्जी पट्टा बनाने के मामले ने सबको चौंका दिया है। लेकिन, प्रशासन और पुलिस की सक्रियता के चलते आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य दोषियों की जांच जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी दोषियों को सजा मिलेगी और जोधपुर में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।