जोधपुर का रेलवे स्टेशन ‘राई का बाग पैलेस जंक्शन’ अब ‘राइका बाग’ के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय देवासी समाज की लंबी मांग और प्रदर्शन के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंजूर किया। इस बदलाव से स्थानीय निवासियों और देवासी समाज में खुशी की लहर है।
माननीय केंद्रीय रेलवे मंत्री श्री @AshwiniVaishnaw जी का हृदयतल से आभार कि उन्होंने मेरे अनुरोध पर “राई का बाग” रेलवे स्टेशन का नाम संशोधित कर मूल नाम “राइका बाग” किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है।
रेलवे रिकॉर्ड में वर्तनी की त्रुटि की वजह से इस जंक्शन का वास्तविक नाम परिवर्तित… pic.twitter.com/rGJmm3LXk4
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 5, 2024
जोधपुर: जोधपुर के पावटा में स्थित ‘राई का बाग पैलेस जंक्शन’ रेलवे स्टेशन का नाम अब ‘राइका बाग’ होगा। यह फैसला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देवासी समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग पर लिया है। इस मांग को लेकर समाज ने कई धरने-प्रदर्शन भी किए थे। जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने करीब डेढ़ साल पहले रेल मंत्री को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसे अब सोशल मीडिया पर साझा किया गया है। सोमवार को रेल मंत्री के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए गजेंद्र सिंह ने नाम बदलने की स्वीकृति की जानकारी दी है। नाम बदलने के इस फैसले से देवासी समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है।
‘राइका बाग पैलेस’ से ‘राई का बाग’ तक का सफर
यह रेलवे स्टेशन जोधपुर रेल मंडल के अंतर्गत आता है। देवासी समाज का कहना था कि रेलवे रिकॉर्ड में हुई गलती की वजह से स्टेशन का असली नाम बदल गया था। उनका कहना था कि पहले इस जगह का नाम ‘राइका बाग पैलेस’ था, जिसे बदलकर ‘राई का बाग’ कर दिया गया था। जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस फैसले का स्वागत करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “माननीय केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव का हृदय से आभार कि उन्होंने मेरे अनुरोध पर ‘राई का बाग’ रेलवे स्टेशन का नाम संशोधित कर मूल नाम ‘राइका बाग’ किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है।”
शेखावत ने आगे लिखा, “रेलवे रिकॉर्ड में वर्तनी की गलती के कारण इस जंक्शन का असली नाम बदल गया था, जिससे राइका समाज की भावनाएँ आहत होती रहीं। निश्चित रूप से इस संशोधन से न केवल राइका समाज बल्कि स्थानीय निवासियों को भी पहचान से जुड़ी खुशी का अनुभव होगा। एक बार फिर मेरे मित्र अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद कि उन्होंने इस संदर्भ में मेरे पत्र को त्वरित प्राथमिकता दी।”
इतिहास और देवासी समाज की भावनाएँ
मारवाड़ के शासक महाराजा जसवंत सिंह की रानी ने जोधपुर में एक बाग को और भी सुंदर बनवाया था। इस जगह का नाम पहले ‘राई का बाग’ था जिसे बाद में ‘राइका बाग पैलेस’ कर दिया गया। जोधपुर राठौड़ शासन के समय में इस जगह पर एक रेलवे स्टेशन बनाया गया और इसका नाम ‘राइका बाग पैलेस जंक्शन’ रखा गया। देवासी समाज का दावा है कि राजा के समय में आसूराम राइका नाम के एक व्यक्ति को उनकी सेवा भावना के कारण जमीन दी गई थी। बाद में जसवंत सिंह की पत्नी को वह जमीन पसंद आ गई और उन्होंने आसूराम राइका से वह जमीन ले ली। उन्होंने उस जमीन पर एक बाग बनवाया और उसका नाम ‘राइका बाग’ रखा। देवासी समाज का कहना है कि रेलवे स्टेशन उसी जमीन पर बना है।
इस ऐतिहासिक फैसले के साथ, देवासी समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है और अब ‘राइका बाग’ के नाम से इस स्टेशन को जाना जाएगा। यह बदलाव स्थानीय निवासियों के लिए भी खास महत्व रखता है।